भारतीय काव्यशास्त्र – रीति और उसके भेद
1. प्रसाद गुण का सम्बन्ध किस रीति से है(क) वैदर्भी
(ख) गौडीं
(ग) पांचाली
(घ) इनमें से कोई नहीं
2. कुन्तक ने रीति के कौनसे तीन भेद माने हैं
(क) गौड़ी, वैदर्भी, पांचाली
(ख) गोड़ी, पांचाली, लाटी
(ग) गौड़ी, वैदर्भी, लाटी
(घ) इनमें से कोई नहीं
2. कुन्तक ने रीति के कौनसे तीन भेद माने हैं
(क) गौड़ी, वैदर्भी, पांचाली
(ख) गोड़ी, पांचाली, लाटी
(ग) गौड़ी, वैदर्भी, लाटी
(घ) सुकुमार, विचित्र, मध्यम
3. आचार्य मम्मट ने रीति को वृत्ति कहकर कितने भेद माने हैं
तीन
चार
पाँच
दो
4. आचार्य वामन के रीति के निम्न तीन भेद माने हैं
(क) गौड़ी, वैदर्भी, पांचाली
(घ) सुकुमार, विचित्र, मध्यम
(ख) गोड़ी, पांचाली, लाटी
(ग) गौड़ी, वैदर्भी, लाटी
5. किस आचार्य ने रीती को काव्य की आत्मा मान कर रस के गुण के अंतर्गत स्थान दिया है वामन
कुंतक
आनंदवर्द्धन
मम्मट
वामन
3. आचार्य मम्मट ने रीति को वृत्ति कहकर कितने भेद माने हैं
तीन
चार
पाँच
दो
4. आचार्य वामन के रीति के निम्न तीन भेद माने हैं
(क) गौड़ी, वैदर्भी, पांचाली
(घ) सुकुमार, विचित्र, मध्यम
(ख) गोड़ी, पांचाली, लाटी
(ग) गौड़ी, वैदर्भी, लाटी
5. किस आचार्य ने रीती को काव्य की आत्मा मान कर रस के गुण के अंतर्गत स्थान दिया है वामन
कुंतक
आनंदवर्द्धन
मम्मट
वामन
6. विशिष्टपदरचना रीतिः किसका कथन है
वामन
कुंतक
आनंदवर्द्धन
मम्मट
7. आचार्य रूद्रट के रीति के निम्न भेद माने हैं
(क) गौड़ी, वैदर्भी, पांचाली, लाटी
(घ) सुकुमार, विचित्र, मध्यम
(ख) गोड़ी, पांचाली, लाटी
(ग) गौड़ी, वैदर्भी, लाटी
8. किसने रीति का सम्बंध गुण और कवि स्वभाव से माना है
कुंतक
वामन
आनंदवर्द्धन
मम्मट
9. गौड़ी रीति की विशेषता है
ओजपूर्ण शैली
उग्र पदावली
दीर्घ समास की बहुलता
उपर्युक्त सभी
10. भरतमुनि ने रीति केलिए किस शब्द का प्रयोग किया है
मार्ग
वृति
संघटना
प्रवृत्ति
10. भरतमुनि ने रीति केलिए किस शब्द का प्रयोग किया है
मार्ग
वृति
संघटना
प्रवृत्ति
भारतीय काव्यशास्त्र – रीति और उसके भेद (REETI AUR USKE BHED)